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एक दूजे के आस

आओ फिर से जी ले उस पल को आज प्रिये  जब सिर्फ मुझसे ही मैं थी तेरी साँस प्रिये  ह्रदय के प्रेम दस्तक लगते थे जब मंगल गान प्रिये  मेरे ह्रदय में बसती थी  केवल तेरी जान प्रिये  प्रेम के ज्वार भाटे में सब लगता था मधु मास प्रिये  चाहत के सफर में हम कहाँ भटक गए आज प्रिये  कठीन पल चुभते हैं जैसे कर्कश गान प्रिये  हालातों के भँवर में उलझ गया सपनों का संसार प्रिये  सिर्फ एक ही दिन क्यों तुम चाँद और मैं चाँदनी प्रिये  आओ फिर से ले आएं पहली सी बहार प्रिये  इस जीवन को बना ले एक दूजे का आस प्रिये द्वारा - वीणा मिश्रा (रत्ना )

हौसला और जीवट

  हर आँख में कुछ सपने होते हैं अरमान होते हैं आगे बढ़ने का जुनून होता कुछ पाने की ललक होती है और इसमें वो सफलता भी हासिल कर लेते हैं लेकिन कई बार हम सफल नहीं हो पाते या फिर उतने सफल नहीं हो पाते जितना हमने सोच रखा होता है तो क्या करना चाहिए? रुक जाना चाहिए?  या अपने सपनों को तिलांजलि दे देनी चाहिए? तो क्या हमें समाज, और दुनिया को कोसना चाहिए या खुद को मार देना चाहिए ?  इन सवालों में घिरा आज का युवा बहुत जल्दी घबरा जाता है  बस यही सोच कई अनमोल जिंदगियों को निगलती जा रही है जिसमें आम इंसान से लेकर कामयाब लोग तक शामिल है लेकिन जीवन लीला समाप्त करने के बजाए हम ये क्यों न सोचे कि चुनौतियों से कैसे निपटे क्योंकि ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका अंत ना हो या समाधान न हो। माना कि सबकी समस्याएं अलग -२ होती है परंतु समाधान भी होता है किसी भी तर्क से आत्महत्या जैसे कुकृत्य को सही नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि मरने वाले अपने परिवार पर सवालिया निशान और स्वंय पर कायर होने का ठप्पा लगा जाते हैं । तो मैं एक घटना बताती हूँ कि कैसे एक लड़की के हिम्मत और साहस ने सब कुछ  बदल कर रख दिया  जिसे जान कर लगेगा कि इसस

आद्रा नक्षत्र में क्या करें और क्या ना करें

ज्योतिष शास्त्र में आर्द्रा नक्षत्र को बारिश का कारक नक्षत्र माना गया है। माना जाता है की इस नक्षत्र से वर्षा का आरंभ हो जाता है। आर्द्रा नक्षत्र सभी 27 नक्षत्रों में छठा नक्षत्र होता है। ज्योतिषी धनंजय पाण्डेय के अनुसार आर्द्रा नक्षत्र 22 जून 2018 (शुक्रवार) को आर्द्रा नक्षत्र का आरंभ हो चुका है। जो आगामी 6 जुलाई (शुक्रवार) तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य धनंजय पाण्डेय के अनुसार इस बार आर्द्रा में बारिश बिलकुल सामान्य होगी। आर्द्र नक्षत्र के संबंध में मौसम वैज्ञानिक महा कवि घाघ ने लिखा है- आवत आदर नहिं दियौ, जात न दिन्हे हस्त, कहे घाघ दोनों गयो, पाहुन अरु गिरहस्त। अर्थात् आर्द्रा नक्षत्र के आगमन और हस्त नक्षत्र के जाते-जाते तक यदि इन दोनों नक्षत्रों ने जल नहीं बरसाया तो गृहस्त और खेतिहर बर्बाद हो जाएंगे। आर्द्रा नक्षत्र में क्या दान करें बांस की डाली में चूड़ा, मिठाई और धातुफल आम, लीची, केले के पत्ते से ढक कर ब्राह्मण को दान करना शुभ मन गया है। आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे बच्चे का ग्रह शांति आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे जातक के ग्रह की शांति की पूजा पीपल और पाकड़ के पेड़ की छाया में करने से दोष खत्म

# Mother's Day special माँ #

क्या सुबह, क्या शाम,  अर्पण किया जीवन मेरे नाम।  औलाद ही आँखों के तारे, खुशियाँ सारी संतानों पर वारे।  हर भूल पर क्षमा करती,  पर सीख भी बड़े सीखाती।  मायूसी में सरगम सी,  जख्मों पर मरहम है जननी। राह के अंगारों पर पलकें बिछाती,  एक खुशनुमा शाम है महतारी।  डाँट में भी उसके दुलार है,  ऋणी उसका सारा संसार है।  वीना मिश्रा (रत्ना) 

लॉक डाउन 3.0 सवालों का घेरा Motivational

चार मई से तीसरा  लॉक डाउन कहाँ से आई ये महामारी, जिसने जीवन के रंग छीन लिए। लेकर संसार की सारी आजादी , सबको घरों में बंद कर दिए। प्रिय दोस्तों फिर से  चौदह दिनों का लॉक डाउन बढ़ गया और हम दो हफ्ते के लिए वापस सुरक्षित हो गए लेकिन कब तक लॉक डाउन के जरिए हम सुरक्षित रह पाएंगे? हम सब के पास जरूरतों का  पहाड़ है, जो घर से निकालने के लिए मजबूर करता है हमारे दायित्व हमें चैन से बैठने नहीं देता। खास तौर से रोज के कमाने खाने वाले की परेशानी बहुत बढ़ गई है और आज बहुत सारे लोगों के सामने रोजी रोटी का सवाल सुरसा की तरह मुँह बाए खड़ा हो गया है लेकिन चिंता तथा घबराहट किसी समस्या का समाधान नहीं है आज भी आप पहले की तरह ही पैसे कमा सकते हैं जी हाँ आपने सही समझा । भुखमरी से कैसे बचें लॉक डाउन में ?  सिर्फ और सिर्फ आपको अपना तरीका बदलना है वो कहते है न "हवा का रूख देखकर चाल बदलना" अब आपको अपनाव्पायार बदलने की जरूरत है मतलब अगर आप प्लासटीक के समान की दुकान चलाते है तो थोड़ा सा सकारात्मक सोच रखते हुए उसी दुकान में फल  या सब्जी रख कर देखिए आपकी बिक्री शुरू हो जाएगी और साथ ह

ऋषि कपूर जी तथा इरफान जी को विनम्र श्रद्धांजलि

कोरोना का कहर क्या कम था जो विधाता ने इस धरती के दो प्यारे सितारों को अपने पास बुला लिया ,जो कितने ही दिलों पर राज करत थे और कितनों के ख्वाब थे आज इस दुखद घड़ी में उनके चाहने वाले अपना अंतिम संदेश भी उन्हें दूर से देने को मजबूर है कोरोना के कारण उनकी अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाने का दुःख फैंस के लिए बेहद तकलीफ देह याद बन कर रहेगा ईश्वर उनके परिवार को इस असहनीय दुःख को सहन करने की क्षमता दें इन अभिनेताओं की मृत्यु पर यकीन करना असंभव लग रहा है लेकिन नियती के सामने हम सब हार जाते हैं भारत के चहेतों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि 🙏🙏🙏🙏🙏 वीना मिश्रा (रत्ना) 

कोरोना #शायद हम भी दोषी

शायद हाँ ,कभी न कभी और कहीं न कहीं दुख पाइ है हमसे धरती । सजा पा रहे हम अपने किए की, गुनाहगार है इसीलिए, घर में बंद बीत रही हैं जिंदगी । काश सुन पाते अपने जमीर की  , वापस पा लेते जिंदगी नई । वीना मिश्रा (रत्ना) स्वरचित